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Monday, March 7, 2011

भगत महासभा ने बुद्दिजीवियों का सम्मेलन आयोजित किया




भगत महासभा की जम्मू और कश्मीर इकाई ने 06 मार्च को भगत बुद्धिजीवी फोरम का सम्मेलन जम्मू के के.सी. आर्किड में आयोजित किया जहाँ बुद्धिजीवियों ने भगत समुदाय को पेश आ रही समस्याओं पर चर्चा की और उन्हें सुलझाने के लिए मूल्यवान जानकारी और सलाह दी.


इस सम्मेलन में भगत समुदाय के सैंकड़ों बुद्धिजीवियों  विशेषकर नौकरी पेशा सदस्यों ने भाग लिया. प्रोफेसर राज कुमार भगत, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भगत महासभा ने समारोह की अध्यक्षता की.



श्री ओ.पी. भगत ने अपने संबोधन में सभी गणमान्य अतिथियों से आग्रह किया कि समाज से  जो पाया है उसे चुकाने के लिए अब कार्य करें. उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय का बुद्धिजीवी वर्ग समुदाय के कमजोर वर्गों के उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाता है. उन्होंने आग्रह किया कि अगाड़ी लोग अब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सदस्यों में व्याप्त विभिन्न सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए कार्य करें क्योंकि ये बुराइयाँ न केवल समुदाय बल्कि अंततः राष्ट्र को भी हानि पहुँचाती हैं. उन्होंने सदगुरु कबीर जी महाराज द्वारा दिखाए मार्ग का अनुसरण करने पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने समुदाय के सदस्यों से आग्रह किया कि वे स्वस्थ समाज का निर्माण करने और युवा पीढ़ी में भाईचारे और राष्ट्रवाद की भावना भरने हेतु कार्य करें.


श्री दिलीप भगत, एस.पी., जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने संबोधन में श्री ओमप्रकाश भगत, डॉ. राजेश भगत और इंजीनियर सुदेश भगत को बधाई दी कि उन्होंने भगत महासभा के बैनर तले समुदाय को एकजुट करने के लिए ऐसी पहल कदमी की है. 


प्रो. राज कुमार ने अपने संबोधन के द्वारा समारोह में उपस्थित बुद्धिजीवियों को भगत महासभा के बुनियादी ढांचे और मकसद के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारे बुज़ुर्गों ने समुदाय के कल्याण के लिए दिन-रात काम किया है लेकिन उनकी सफलताएँ सीमित प्रकार की थीं. 


 "समय आ गया है कि समुदाय का पुनर्निर्माण किया जाए और इसकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित की जाए,” प्रो. राज कुमार ने कहा.


इस सम्मेलन के दौरान मेघ समाज के इतिहास के बारे में एक छोटा सा वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया था. दोपहर के भोजन के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ.


जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें ये मुद्दे भी शामिल थे कि जम्मू और कश्मीर के कर्मचारियों की निर्देशिका तैयार की जाए, जनता को प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे अपने अतीत अतीत से सीखें और व्यक्तियों को शिक्षित करना कि वे छोटे और अवसरवादी संगठनों की बजाय राष्ट्रीय स्तर के संगठनों में शामिल हों.
इस अवसर पर सम्मानित सभा को पूना संधि के बारे में डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर का ऑडियो भाषण सुनवाया गया और मेघवंशी समूहों के बारे में इंटरनेट पर उपलब्ध सूचना दिखाई गई. सभी का आह्वान किया गया कि वे तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा द्वारा 10 अप्रैल, 2011 को आयोजित की जा रही राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लें.

जिन लोगों ने बैठक में भाग लिया उनमें श्री बोध राज भगत, अध्यक्ष भगत महासभा जम्मू-कश्मीर यूनिट, श्री मोहिंदर भगत, श्री यशपाल पाल भगत, कश्मीर प्रशासनिक सेवा, श्री पूर्ण चंद (एडवोकेट), श्री कुलदीप राज (सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य), श्री मेला राम, एसपी., जम्मू-कश्मीर पुलिस आदि शामिल हैं. 

 

 

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