•भगत महासभा (जम्मू-कश्मीर) – एक परिचय जय कबीर
भगत महासभा (जम्मू-कश्मीर) – एक परिचय
"भगत महासभा" का पंजीकृत कार्यालय जम्मू में स्थित है. "भगत महासभा" जम्मू और कश्मीर सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1998, Svt., 1998 के अधिनियम संख्या VI के तहत पंजीकृत है. इसकी कार्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य राज्यों में है. इसकी कार्यकारिणी में सामान्यतः चेयरमैन, अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, आयोजन सचिव, संयुक्त सचिव, समन्वयक और कोषाध्यक्ष रहते हैं.
समुदाय से संबंधित कोई भी व्यक्ति अपेक्षित नामांकन शुल्क दे कर इसका सदस्य बन सकता है और उसके बाद उसे मासिक सदस्यता शुल्क देना होता है. राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला या राजनीतिक गतिविधियों में शामिल कोई व्यक्ति इसका सदस्य नहीं बन सकता और अगर कोई सदस्य किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल हो जाता है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी. भगत महासभा की आय का स्रोत दान और सदस्यता शुल्क है जो समाज के सदस्यों द्वारा जमा कराया जाता है. समुदाय के कल्याण के लिए भगत महासभा अपने कर्मचारी विंग, छात्र विंग और शैक्षणिक और तकनीकी संस्थाओं आदि जैसी अन्य संस्थओं की स्थापना कर सकती है.
केवल कोरे भाषणों से ही संगठन नहीं चलता, भाषण देने वालों में संगठन के उद्देश्यों के प्रति नैतिकता, चरित्रता, निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना भी होनी चाहिए. -डॉ. राजेश भगत
भगत महासभा के लक्ष्य, उद्देश्य और कार्य
1. मेघ समाज को एक प्लेटफार्म से एकजुट करने के लिए और जीवन के हर क्षेत्र में उसके उत्थान के लिए हम कार्य करते हैं.
2. हम सभी वर्तमान सद्गुरु कबीर सभाओं और मेघ सभाओं में एकजुटता स्थापित करने के लिए और उन्हें उनके संबंधित क्षेत्रों में काम करने के लिए सक्रिय करने के लिए कार्यरत हैं.
3. मेघ समुदाय की समस्याओं पर चर्चा करने एवं उनका समाधान करने के लिए हम राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के आयोजन करते हैं.
4. मेघ समुदाय की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हम चिकित्सा शिविरों का आयोजन करते हैं.
5. सदगुरु कबीर साहिब श्री के दर्शन और शिक्षाओं को राज्य के कोने-कोने में फैलाने के लिए राज्य में स्थान-स्थान पर कबीर जयंती/कबीर निर्वाण दिवस आयोजित करते हैं.
6. मेघ/कबीरपंथी समुदाय के सदस्यों के नैतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए हम संघर्षशील हैं.
7. दहेज, बाल विवाह आदि सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए तथा विवाह जैसे समारोहों पर फिज़ूलखर्ची, शराब पीने और जूआ खेलने जैसी समस्याओं के विरुद्ध हम वातावरण तैयार कर रहे हैं.
8. आपसी समझ, सहायता, और सहयोग के आदर्शों को हम बढ़ावा देते हैं.
9. समुदाय के बच्चों, निराश्रित महिलाओं, छात्रों, शारीरिक रूप से विकलांग, मानसिक रूप से विक्षिप्त, अपराधी और कमजोर सदस्यों के लिए समाज कल्याण सेवाओं की योजनाओं तैयार करना हमारा लक्ष्य है.
10. राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की मुख्य धारा से सक्रिय रूप से जुड़ना हमारा पवित्र उद्देश्य है.
11. पुस्तकालयों और वाचनालयों की स्थापना और उनका रखरखाव, मासिक पत्रिका और आवधिक पत्रिकाओं का प्रकाशन और सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक और नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए, जो विशेष रूप से सदगुरु कबीर साहिब की शिक्षा पर आधारित हों, के लिए निरंतर गतिशील रहना.
12. समुदाय के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रोज़गार को लेकर हो रहे भेदभाव के प्रति जागरूक रह कर स्वरोज़गार योजना के तहत शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए ब्याज की रियायती या अंतर दरों पर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु ऋण दिलाने में सहायता करना हमारा उद्देश्य है. इस प्रयोजन के लिए सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा.
13. संस्थागत वित्त की व्यवस्था करके औद्योगिक, तकनीकी, शैक्षणिक, हस्तशिल्प और कुटीर औद्योगिक संस्थानों की स्थापना करना.
14. छात्रों के लिए कोचिंग केन्द्रों की स्थापना ताकि वे विभिन्न सेवा परीक्षाओं के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकें और प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देना.
15. समुदाय के भूमिहीन और बेघर लोगों की मदद करना.
16. समुदाय के सदस्यों के सामाजिक और अन्य मुकदमेबाजी पर व्यर्थ होने वाले खर्च और समय को बचने के लिए कार्य करना.
17. समुदाय के लिए वैवाहिक सेवाएँ प्रदान कराना. ये सेवाएँ ......पर मुफ़्त उपलब्ध कराई जा रही हैं. सदस्य अपना डाटा स्वयं भरते हैं और एक-दूसरे से संपर्क करते हैं.
18. भगत महासभा की विभिन्न इकाइयों ऐसे व्यक्तियों की पहचान करेंगी जो श्री सद्गुरु कबीर जी महाराज के जीवन और मिशन की पूरी जानकारी रखते हों ताकि उस ज्ञान को समुदाय के सदस्यों के बीच फैलाया जा सके.
भगत महासभा (जम्मू-कश्मीर) – एक परिचय
"भगत महासभा" का पंजीकृत कार्यालय जम्मू में स्थित है. "भगत महासभा" जम्मू और कश्मीर सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1998, Svt., 1998 के अधिनियम संख्या VI के तहत पंजीकृत है. इसकी कार्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य राज्यों में है. इसकी कार्यकारिणी में सामान्यतः चेयरमैन, अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, आयोजन सचिव, संयुक्त सचिव, समन्वयक और कोषाध्यक्ष रहते हैं.
समुदाय से संबंधित कोई भी व्यक्ति अपेक्षित नामांकन शुल्क दे कर इसका सदस्य बन सकता है और उसके बाद उसे मासिक सदस्यता शुल्क देना होता है. राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला या राजनीतिक गतिविधियों में शामिल कोई व्यक्ति इसका सदस्य नहीं बन सकता और अगर कोई सदस्य किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल हो जाता है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी. भगत महासभा की आय का स्रोत दान और सदस्यता शुल्क है जो समाज के सदस्यों द्वारा जमा कराया जाता है. समुदाय के कल्याण के लिए भगत महासभा अपने कर्मचारी विंग, छात्र विंग और शैक्षणिक और तकनीकी संस्थाओं आदि जैसी अन्य संस्थओं की स्थापना कर सकती है.
केवल कोरे भाषणों से ही संगठन नहीं चलता, भाषण देने वालों में संगठन के उद्देश्यों के प्रति नैतिकता, चरित्रता, निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना भी होनी चाहिए. -डॉ. राजेश भगत
भगत महासभा के लक्ष्य, उद्देश्य और कार्य
1. मेघ समाज को एक प्लेटफार्म से एकजुट करने के लिए और जीवन के हर क्षेत्र में उसके उत्थान के लिए हम कार्य करते हैं.
2. हम सभी वर्तमान सद्गुरु कबीर सभाओं और मेघ सभाओं में एकजुटता स्थापित करने के लिए और उन्हें उनके संबंधित क्षेत्रों में काम करने के लिए सक्रिय करने के लिए कार्यरत हैं.
3. मेघ समुदाय की समस्याओं पर चर्चा करने एवं उनका समाधान करने के लिए हम राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के आयोजन करते हैं.
4. मेघ समुदाय की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हम चिकित्सा शिविरों का आयोजन करते हैं.
5. सदगुरु कबीर साहिब श्री के दर्शन और शिक्षाओं को राज्य के कोने-कोने में फैलाने के लिए राज्य में स्थान-स्थान पर कबीर जयंती/कबीर निर्वाण दिवस आयोजित करते हैं.
6. मेघ/कबीरपंथी समुदाय के सदस्यों के नैतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए हम संघर्षशील हैं.
7. दहेज, बाल विवाह आदि सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए तथा विवाह जैसे समारोहों पर फिज़ूलखर्ची, शराब पीने और जूआ खेलने जैसी समस्याओं के विरुद्ध हम वातावरण तैयार कर रहे हैं.
8. आपसी समझ, सहायता, और सहयोग के आदर्शों को हम बढ़ावा देते हैं.
9. समुदाय के बच्चों, निराश्रित महिलाओं, छात्रों, शारीरिक रूप से विकलांग, मानसिक रूप से विक्षिप्त, अपराधी और कमजोर सदस्यों के लिए समाज कल्याण सेवाओं की योजनाओं तैयार करना हमारा लक्ष्य है.
10. राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की मुख्य धारा से सक्रिय रूप से जुड़ना हमारा पवित्र उद्देश्य है.
11. पुस्तकालयों और वाचनालयों की स्थापना और उनका रखरखाव, मासिक पत्रिका और आवधिक पत्रिकाओं का प्रकाशन और सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक और नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए, जो विशेष रूप से सदगुरु कबीर साहिब की शिक्षा पर आधारित हों, के लिए निरंतर गतिशील रहना.
12. समुदाय के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रोज़गार को लेकर हो रहे भेदभाव के प्रति जागरूक रह कर स्वरोज़गार योजना के तहत शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए ब्याज की रियायती या अंतर दरों पर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु ऋण दिलाने में सहायता करना हमारा उद्देश्य है. इस प्रयोजन के लिए सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा.
13. संस्थागत वित्त की व्यवस्था करके औद्योगिक, तकनीकी, शैक्षणिक, हस्तशिल्प और कुटीर औद्योगिक संस्थानों की स्थापना करना.
14. छात्रों के लिए कोचिंग केन्द्रों की स्थापना ताकि वे विभिन्न सेवा परीक्षाओं के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकें और प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देना.
15. समुदाय के भूमिहीन और बेघर लोगों की मदद करना.
16. समुदाय के सदस्यों के सामाजिक और अन्य मुकदमेबाजी पर व्यर्थ होने वाले खर्च और समय को बचने के लिए कार्य करना.
17. समुदाय के लिए वैवाहिक सेवाएँ प्रदान कराना. ये सेवाएँ ......पर मुफ़्त उपलब्ध कराई जा रही हैं. सदस्य अपना डाटा स्वयं भरते हैं और एक-दूसरे से संपर्क करते हैं.
18. भगत महासभा की विभिन्न इकाइयों ऐसे व्यक्तियों की पहचान करेंगी जो श्री सद्गुरु कबीर जी महाराज के जीवन और मिशन की पूरी जानकारी रखते हों ताकि उस ज्ञान को समुदाय के सदस्यों के बीच फैलाया जा सके.